काबुल| अफगानिस्तान में गुरुवार को तीन दिवसीय युद्ध विराम की शुरूआत हुई, क्योंकि लोग ईद-उल-फितर त्योहार के साथ रमजान के मुस्लिम पवित्र महीने के अंत का जश्न मना रहे हैं। डीपीए न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले सप्ताह, तालिबान आतंकवादी समूह ने तीन दिन के राष्ट्रव्यापी संघर्ष विराम की घोषणा की थी।
तालिबान की पेशकश के जवाब में, अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने भी सरकारी सुरक्षा बलों को युद्ध विराम का सम्मान करने का आदेश दिया है।
सरकार ने पिछले अनुरोधों को दोहराते हुए तालिबान से स्थायी युद्ध विराम के लिए भी कहा।
उत्तरी कुंडुज प्रांत के प्रांतीय पार्षद ने कहा कि स्थानीय लोग संघर्ष विराम के फैसले से खुश हैं, क्योंकि वे अब बिना किसी खतरे के ईद मना सकते हैं।
वहीं दक्षिण पूर्वी प्रांत गजनी में भी लोगों में खुशी का माहौल बन गया, जब उन्हें पता चला कि वह त्योहार शांतिपूर्ण तरीके से मना सकते हैं। स्थानीय पार्षद हमीदुल्लाह नवाज ने कहा कि लोग प्रसन्न हैं, क्योंकि वे अब शांति से ईद मना पाएंगे।
प्रांत में हाल के दिनों में सरकार और आतंकवादी ताकतों, विशेष रूप से तालिबान के बीच भारी लड़ाई देखी गई है।
स्थानीय पार्षद मीर अहमद खान ने बताया कि दक्षिणी हेलमंद प्रांत जैसी जगहों पर भी लड़ाई की समस्याएं हैं, जहां ज्यादा झड़पें तो नहीं हुई हैं, लेकिन यहां पर मौजूद लोगों में से कई विस्थापित हुए हैं और कुछ लोग अपने प्रियजनों को खो चुके हैं या फिर परिवार के सदस्य घायल हुए हैं।
यह पहली बार नहीं है जब तालिबान ने इस तरह के युद्धविराम की पेशकश की है। पहले तीन दिवसीय संघर्ष विराम की घोषणा जून 2018 में हुई थी। इससे पहले कई प्रांतों में तीव्र गोलीबारी की घटनाएं सामने आई थी।
तालिबान ने हाल के दिनों में प्रांतीय राजधानियों, जिलों, ठिकानों और चौकियों पर हमले तेज किए हैं। अंतर्राष्ट्रीय सैनिक 1 मई को आधिकारिक रूप से हटने लगे और तभी से हमले भी तेज होने लगे।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, मई की शुरूआत में लगभग 10,000 अमेरिकी और नाटो सैनिक अभी भी देश में हैं।
अब 11 सितंबर तक इनकी वापसी की तैयारी है।
अमेरिकी सेना ने मंगलवार को कहा कि वह पूरी लगभग 6 से 12 प्रतिशत सैनिकों की वापसी सुनिश्चित कर चुके हैं।
–आईएएनएस
और भी हैं
भारत-गुयाना के बीच गर्मजोशी भरे रिश्ते, ‘डेमोक्रेसी फर्स्ट, ह्यूमैनिटी फर्स्ट’ वैश्विक समस्याओं का समाधान : पीएम मोदी
पाकिस्तान में भीषण आतंकी हमला, यात्री वाहनों को बनाया निशाना, 38 की मौत, 11 घायल
जर्मनी में 3.2 मिलियन बुजुर्गों पर बढ़ा गरीबी का खतरा