नई दिल्ली | राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(आरएसएस) ने गुरुवार को हिंदू साम्राज्य दिवस बनाया। आरएसएस के सर कार्यवाह सुरेश भैय्याजी जोशी ने इस दौरान छत्रपति शिवाजी महाराज को मुगलों के दौर में हिंदू समाज का रक्षक बताया। छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक के दिन को संघ अपने स्थापना काल से ही हिंदू साम्राज्य दिवस के रूप में मनाता आया है। संघ का मानना है कि छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक के बाद ही देश में हिंदू साम्राज्य की पुनस्र्थापना हुई।
आरएसएस के सर कार्यवाह सुरेश भैय्याजी जोशी ने नागपुर महानगर इकाई की ओर से आयोजित कार्यक्रम में वर्चुअल संबोधन में कहा कि मोहम्मद कासिम ने देश पर आक्रमण किया और संपत्ति लूटकर चला गया। भारत पर बाहर के आक्रांताओं की यह पहली विजय थी। इस बीच का एक कालखंड चलता रहा। चार सौ वर्षो के बाद फिर घटना की पुनरावृत्ति हुई। मोहम्मद गोरी ने आक्रमण किया। इस दौरान संघर्ष करते हुए पृथ्वीराज चौहान बलिदान हो गए।
आठ सौ से नौ साल के कालखंड में हिंदू भिन्न प्रकार की मानसिकता में अनुभव करता है। हिंदू कभी गुलाम तो कभी पराजित अनुभव करता है। मानसिकता में हताशा घर कर जाती है। दिल्ली की गद्दी पर बैठा इंसान उसे ईश्वर लगने लगता है। हिंदू समाज की दीन-हीन अवस्था हो गई थी। भारत के दो तिहाई हिस्से पर मुगलों का साम्राज्य हो चुका था। उसी कालखंड में 1630 में एक बालक जन्म लेता है। यह बालक भविष्य में शिवाजी के नाम से जाना जाता है। राज्याभिषेक के बाद से छत्रपति शिवाजी महराज ने अपने शौर्य और साहस का उपयोग जीवन भर किया। उन्होंने देशहित और हिंदू समाज की रक्षा में शौर्य और साहस का उपयोग किया।
आरएसएसस के सर कार्यवाह ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज ने राज्य की जनता में विश्वास जगाने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि मेरे स्वराज्य में महिलाओं पर अत्याचार नहीं होगा। किसानों को हम पीड़ित नहीं करेंगे। अगर अनाज लेंगे तो किसानों को पैसे देंगे। निस्वार्थ भाव से वह काम करते रहे। इतिहास में पहली बार किसी राजा को योगी कहा गया तो वह छत्रपति शिवाजी महाराज थे। राष्ट्र, देश और समाज के लिए उनका जीवन हमेशा समर्पित रहा।
–आईएएनएस
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