नई दिल्ली| प्रत्येक वर्ष फरवरी माह से शुरू होने वाली 10वीं 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं, वर्ष 2021 में कुछ देरी से शुरू की जा सकती हैं। केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के मुताबिक अगले साल फरवरी में बोर्ड परीक्षाएं आयोजित किए जाने का प्रस्ताव नहीं है। इसके साथ ही शिक्षा मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि बोर्ड परीक्षा से जुड़ी जनवरी में होने वाली वाली अन्य प्रक्रियाओं को भी अतिरिक्त समय दिया जाएगा। मंगलवार को बोर्ड परीक्षाओं के विषय में जानकारी देते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री निशंक ने कहा, “बोर्ड परीक्षाओं की प्रक्रिया अब जनवरी-फरवरी में आरंभ नहीं की जाएगी।” गौरतलब है कि फरवरी के अंतिम सप्ताह में बोर्ड परीक्षाएं शुरू हो जाती हैं। वहीं जनवरी माह के दौरान कई प्रकार की प्रैक्टिकल परीक्षाएं आयोजित की जाती हैं।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने मंगलवार को शिक्षा संवाद के 22वें संस्करण के तहत शिक्षकों के साथ लाइव इंटरैक्शन में ऑनलाइन शिक्षा, बोर्ड परीक्षा, प्रवेश परीक्षा, मूल्यांकन के स्वरुप, शिक्षकों की ट्रेनिंग और शिक्षा संबंधी अन्य मुद्दों पर विस्तृत बातचीत की।
इस शिक्षा संवाद में देश भर के हजारों शिक्षकों ने हिस्सा लिया और शिक्षा संबंधी विभिन्न मुद्दों पर कई सवाल किए जिसके जवाब देकर केंद्रीय मंत्री ने सभी की आशंकाओं एवं चिंताओं को दूर किया। इसी दौरान केंद्रीय मंत्री निशंक ने अगले वर्ष होने वाली बोर्ड परीक्षाओं को लेकर यह जानकारी साझा की।
सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन यानी सीबीएसई, बोर्ड की परीक्षाएं ऑनलाइन नहीं होंगी। 2021 में होने वाली यह परीक्षा छात्रों को पहले की तरह कागज पर पेन से ही देनी होगी। सीबीएसई अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि बोर्ड परीक्षाओं को ऑनलाइन करवाने का कोई प्रस्ताव ही नहीं है। यह परीक्षाएं बीते वर्षो की तरह सामान्य लिखित रूप में ली जाएंगी। हालांकि इसकी डेट अभी तय नहीं हुई है।
देशभर के कई अभिभावक चाहते हैं कि बोर्ड परीक्षाओं की तारीख लगभग 3 महीना आगे बढ़ा दी जाए। अभिभावकों ने बोर्ड परीक्षाओं की तारीख आगे बढ़ाने के संबंध में शिक्षा मंत्रालय को एक प्रस्ताव भेजा है।
वहीं शिक्षकों से संवाद के विषय पर केंद्रीय मंत्री निशंक ने कहा, “मैं हमेशा से ही शिक्षकों के साथ बातचीत करने, उनकी आशाओं और आकांक्षाओं को समझने और उसके अनुसार काम करने के लिए उत्सुक रहा हूं। जब मैं शिक्षकों की बात करता हूं, तो मैं एक शिक्षक के रूप में अपने प्रारंभिक वर्षो की याद ताजा करता हूं।”
–आईएएनएस
और भी हैं
झांसी हादसा : एक हादसे ने छीन ली 10 जिंदगियां, चिल्ड्रन वार्ड कैसे बना बच्चों की ‘कब्रगाह’ ?
जर्मनी में 3.2 मिलियन बुजुर्गों पर बढ़ा गरीबी का खतरा
झांसी अस्पताल हादसा : सीएमएस ने बताया, ‘एनआईसीयू वॉर्ड में लगी आग, ज्यादातर बच्चे ऑक्सीजन सपोर्ट पर थे