चेन्नई| भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने हाई थ्रस्ट विकास इंजन को सफलतापूर्वक परीक्षण किया है, जो भारत के पहले रॉकेट को शक्ति प्रदान करेगा और मनुष्यों को अंतरिक्ष में ले जाएगा। इसरो के अनुसार, गगनयान/मानव अंतरिक्ष मिशन के विकास इंजन ने तमिलनाडु के महेंद्रगिरि में इसरो प्रोपल्शन कॉम्प्लेक्स (आईपीआरसी) में 25 सेकंड की अवधि के लिए योग्यता परीक्षण किया।
भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा, पहले से ही दो इंजनों का नाममात्र परिचालन स्थितियों के तहत 480 सेकंड की कुल अवधि के लिए परीक्षण किया जा चुका है।
गुरुवार को किया गया परीक्षण नाममात्र परिचालन स्थितियों (ईंधन-ऑक्सीडाइजर अनुपात और चैम्बर दबाव) से परे संचालन करके इंजन की मजबूती को सत्यापित करने के लिए किया गया था।
इंजन के प्रदर्शन ने परीक्षण के उद्देश्यों को पूरा किया और इंजन के पैरामीटर परीक्षण की पूरी अवधि के दौरान भविष्यवाणियों के साथ निकटता से मेल खाता दिखा।
इसके अलावा, अलग-अलग परिचालन स्थितियों के तहत 75 सेकंड की संचयी अवधि के लिए तीन और परीक्षणों की योजना बनाई गई है।
इसरो ने कहा, इसके बाद, गगनयान कार्यक्रम के लिए विकास इंजन योग्यता को पूरा करने के लिए एक और उच्च जोर विकास इंजन 240 सेकंड के लिए एक लंबी अवधि के परीक्षण से गुजरना होगा।
–आईएएनएस
और भी हैं
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ समेत तमाम नेताओं ने गणतंत्र दिवस की दी शुभकामनाएं, जेपी नड्डा ने भाजपा मुख्यालय में फहराया झंडा
कटरा से श्रीनगर तक वंदे भारत का ट्रायल रन सफल, दुनिया के सबसे ऊंचे ब्रिज से होकर गुजरी ट्रेन
मध्य प्रदेश के 17 अलग-अलग धार्मिक स्थानों में की जाएगी शराबबंदी : मोहन यादव