आमिर अली,
“जलवायु परिवर्तन न केवल मानव जाति अपितु प्रकृति की प्रत्येक संरचना के लिए खतरा बनकर उभरा है। यह दुर्योग पेड़ों की लगातार कटाई और मानव के स्वार्थी उद्देश्यों के कारण आया है। प्रकृति मानव पर आधारित नहीं है बल्कि मानव प्रकृति पर आधारित है, इसलिए मानव जाति का यह सर्वप्रथम कर्तव्य और दायित्व बन जाता है कि वह प्रकृति के मूल तत्वों जैसे पानी, हवा और हरियाली को प्रत्येक प्रदूषण से बचायें। देश के प्रत्येक नागरिक की यह जिम्मेदारी है कि वह पारिस्थितिक संतुलन के प्रति अपने कर्तव्यें का पालन करें “।
यह बात राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के माननीय अध्यक्ष न्यायमूर्ति श्री स्वतंत्र कुमार ने आज नई दिल्ली में चाणक्यपुरी के नेहरू पार्क में विकेन्द्रीकृत सीवर जलशोधन संयंत्र का उद्घाटन करने के बाद कही । यह संयंत्र नई दिल्ली नगरपालिका परिषद् द्वारा बनाया गया है। इससे रोजाना 500 किलोलीटर जलशोधन हो सकेगा, जो इस पार्क की सिंचाई के लिए उपयोग में लाया जायेगा।
न्यायमूर्ति श्री स्वतंत्र कुमार ने पालिका परिषद् द्वारा पर्यावरण संरक्षण के लिए अपनाये गये सतत उपायांे की सराहना करते हुए कहा कि इस कार्यक्रम का निमन्त्रण स्वीकार करते समय मैं असमंजस में था। कि प्रायः शहरी नगर निकाय हरित अधिकरण के सम्मुख प्रतिवादी के रूप खडे़ होते है। लेकिन यहाॅं आकर मेरी धारणा बदली है और मैं नई दिल्ली नगरपालिका परिषद् जैसे नगर निकाय द्वारा किये जा रहे अपने कर्तव्य निर्वहन से प्रभावित भी हुआ हूँ।
पालिका परिषद् अपने सभी कर्तव्यों के निर्वाहन में पर्यावरण को संरक्षित करने के सतत सरंक्षण उपायों को भी समाहित करके चल रही है। मैने यहाॅं आकर इस सीवर जलशोधन संयत्र की कार्यप्रणाली को अच्छा ही नहीं बल्कि उससे बढकर उत्कृष्ट पाया है जैसा मुझे यहाॅं बताया गया था। सरल और सस्ती प्रौद्योगिकी के ऐसे प्रयोग से पर्यावरण की समृðि और बढेगी। उन्होंने दिल्ली और देश के अन्य नगर निकायों से अनुरोध किया कि वे इसका अध्ययन करें और इसका अपने यहाॅं अनुसरण भी करें।
राष्ट्रीय हरित अधिकरण के अध्यक्ष ने नई दिल्ली नगरपालिका परिषद् के उद्यान विभाग द्वारा नई दिल्ली क्षेत्र की हरियाली को बनाने उसे संरक्षित करने और उससे पर्यावरण को समृð करने के प्रयासों की प्रसन्सा की।
नई दिल्ली नगरपालिका परिषद् के अध्यक्ष श्री नरेश कुमार ने कहा कि पालिका परिषद् ने प्राकृतिक संसाधनो के संरक्षण के उद्देश्य से अपने क्षेत्र में सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) आधार पर 10 (दस) विकेन्द्रीकृत सीवर जलशोधन संयंत्र लगाने का निर्णय किया है।
पालिका परिषद् अध्यक्ष ने आज नेहरू पार्क में स्थापित किये गये सीवर जलशोधन संयंत्र की विशेषताओं का उल्लेख करते हुए कहा कि यह संयंत्र मृदा जैव प्रौद्योगिकी (एसबीटी) पर आधारित है, जो ध्वनि एवं वायु प्रदूषण और दुर्गन्ध रहित है । इससे किसी अन्य दूषित गैसो का रिसाव भी नहीं होता है। उन्होंने कहा कि इससे पहले एक सीवर जलशोधन संयंत्र शान्तिपथ के मोती बाग क्रासिंग पर मेम्बरेन जैव प्रौद्योगकी (एमबीआर) आधारित स्थापित किया जा चुका है।
पालिका परिषद् के अध्यक्ष ने बताया कि इस महिने के अंत तक नौ विकेन्द्रीकृत सीवर जलशोधन संयंत्र नई दिल्ली में स्थापित हो जायेंगे और पीपीपी माॅडल पर आधारित दस ऐसे संयंत्र इस साल के अंत कर अपना काम करना भी चालू कर देंगे।
इस अवसर पर पालिका परिषद् के अध्यक्ष श्री करण सिंह तंवर, सदस्य श्री बी.एस.भाटी और श्री अब्दुल राशिद अंसारी, पालिका सचिव श्रीमती चंचल यादव और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थें।
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