एस.पी. चोपड़ा, नई दिल्ली। भारतीय संस्कृति में गाय को माँ का दर्जा इसलिए दिया जाता है क्योकि गाय का दूध हो, गौ मूत्र हो या गोबर हो सभी का इस्तेमाल मनुष्य की भलाई के लिए किया जाता है।
यहाँ तक की उसके दूध से कई दवाईयां बनाई जाती है और छोटे बच्चो को गाय का दूध शुरू से ही पिलाया जाए तो वो कई बीमारियों से बच सकते है इसीलिए गाय के दूध की कीमत को कम की जाए जिससे ज्यादा लोगो को फायदा हो साथ ही गाय को राष्ट्र माता का दर्जा भी दिया जाए।
यह कहना है भारतीय गौ क्रांति मंच के प्रमुख गोपाल मणि का जो पिछले कई वर्षो से इस महत्वपूर्ण कार्य के लिए कार्यरत है और इसी को आगे बढाते हुए वो पुरे भारत से अपील कर रहे है की वो इस काम में उनका सहयोग करे इसलिए उन्होंने इस रविवार 18 फरवरी को एक विशाल रैली का आयोजन रामलीला मैदान में किया था।
साथ ही उन्होंने दस वर्ष तक के बच्चो के लिए निशुल्क दूध देने और गोबर गैस से गाड़ी चलाने की मांग की। उन्होंने कहा की वोटो की राजनीति करना बंद की जाए और देश के लिए कुछ अच्छा कार्य करे।
खासकर मीडिया से उनका कहना है की वो इस मुहीम में उनका सहयोग करे क्योकि यह अकेले उनका कार्य नहीं सभी के सहयोग से यह कार्य सफल हो सकता है। पर्यावरण की रक्षा के लिए गौवंश का बढ़ना आवश्यक है।
स्वराज की स्थापना तथा अर्थतंत्र का संतुलन भी जो सेवा से ही प्राप्त हो सकता है गोपाल मणि जी ने मीडिया के लोगो से आंदोलन के उद्देश्य को अधिक से अधिक प्रचार देने का अनुरोध किया जिससे अनेक समस्याओं का हल हो सके।
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