बेंगलुरू| प्रसिद्ध कन्नड़ पत्रकार व सामाजिक कार्यकर्ता गौरी लंकेश को हजारों लोगों ने अश्रुपूरित अंतिम विदाई दी। गौरी लंकेश का पूरे राजकीय सम्मान के साथ बुधवार को अंतिम संस्कार कर दिया गया। पुलिस ने पत्रकार गौरी लंकेश को बंदूकों से सलामी दी।
उनके पार्थिव शरीर को मध्य बेंगलुरू के चामराजपेट के एक कब्रिस्तान में दफनाया गया।
गौरी लंकेश लिंगायत समुदाय से आती हैं, जिसमें मृतक का दाह संस्कार नहीं किया जाता।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, गृहमंत्री रामलिंगा रेड्डी व अन्य नेता लंकेश को अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिए कब्रिस्तान में मौजूद थे।
शवयात्रा में मौजूद लोग ‘गौरी लंकेश अमर रहे’ के नारे लगा रहे थे।
गौरी लंकेश के भाई इंद्रजीत लंकेश ने पहले मीडिया से कहा था कि परिवार अंतिम संस्कार में किसी भी तरह की कर्मकांड का पालन नहीं करेगा।
उन्होंने कहा था, “वह एक तर्कवादी थीं और हम उसके विचारों के खिलाफ नहीं जाना चाहते हैं।”
गौरी लंकेश (55) पर मंगलवार को तीन अज्ञात हमलावरों ने सात गोलियां दागी थी और उनकी मौत हो गई थी। लंकेश अपने कार्यालय से घर लौटी थीं। लंकेश के सीने में दो गोलियां और एक गोली माथे पर लगी थी।
गौरी लंकेश लोकप्रिय कन्नड़ टेबलॉयड ‘गौरी लंकेश पत्रिके’ की संपादक थीं।
लंकेश की नृशंस हत्या का पूरे दिन पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, लेखकों, विचारकों, महिला संगठनों व दूसरे लोगों ने देश भर में जमा होकर निंदा की।
–आईएएनएस
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