✅ Janmat Samachar.com© provides latest news from India and the world. Get latest headlines from Viral,Entertainment, Khaas khabar, Fact Check, Entertainment.

ज्ञानवापी मामला : 'भड़काऊ' पोस्ट पर डीयू के प्रोफेसर के खिलाफ एफआईआर

FIR.

ज्ञानवापी मामला : ‘भड़काऊ’ पोस्ट पर डीयू के प्रोफेसर के खिलाफ एफआईआर

नई दिल्ली| दिल्ली पुलिस ने एक वीडियो सर्वे के दौरान वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के अंदर ‘शिवलिंग’ की खोज के बाद सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट करने पर दिल्ली विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। पुलिस उपायुक्त सागर सिंह कलसी ने कहा, “कल रात हिंदू कॉलेज, डीयू में इतिहास के प्रोफेसर रतन लाल के खिलाफ फेसबुक पर एक जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण पोस्ट के बारे में एक शिकायत मिली थी, जिसका उद्देश्य धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करके धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना था।”

उन्होंने कहा कि इस संबंध में कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है और पुलिस ने साइबर पुलिस स्टेशन उत्तरी जिले में भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए (धर्म, नस्ल, जन्म स्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना और पक्षपातपूर्ण कृत्य करना) और 295ए (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य, किसी भी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को उसके धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करने के उद्देश्य से) के तहत मामला दर्ज किया है।

डीयू के प्रोफेसर ने ज्ञानवापी मस्जिद में मिले शिवलिंग की ताजा तस्वीर के साथ कथित तौर पर अपमानजनक पोस्ट किया था।

शिकायतकर्ता, दिल्ली के एक वकील विनीत जिंदल ने दिल्ली पुलिस को पत्र लिखकर कहा था कि डॉ. रतन लाल द्वारा किया गया पोस्ट न केवल ‘उकसाने और भड़काने वाला’ है, बल्कि हिंदू धर्म के अनुयायियों के बीच भावनाओं को भी भड़का रहा है।

जिंदल ने आईएएनएस से कहा, “हमारा संविधान प्रत्येक नागरिक को बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता देता है, लेकिन इस अधिकार का दुरुपयोग अक्षम्य है, यह देश के सद्भाव को खतरे में डालता है और समुदाय व धर्म के आधार पर अपने नागरिकों को उकसाता है और राष्ट्र की सुरक्षा के लिए खतरा है।”

प्रोफेसर के खिलाफ दंडात्मक कानूनी कार्रवाई की मांग करते हुए जिंदल ने आगे कहा कि रतन लाल की टिप्पणी धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी पैदा करने की उनकी मंशा को दर्शाती है, जो भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक देश की विचारधारा के खिलाफ है और कानून के अनुसार एक अपराध भी है।

वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर से सटी ज्ञानवापी मस्जिद इस समय कानूनी लड़ाई का सामना कर रही है। वाराणसी की एक अदालत ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को ज्ञानवापी मस्जिद के ढांचे की जांच करने का निर्देश दिया था।

ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का वीडियोग्राफी सर्वेक्षण सोमवार को पूरा होने के बाद हिंदू पक्ष के अधिवक्ताओं ने दावा किया कि मस्जिद के वुजुखाने के अंदर 12 फीट का ‘शिवलिंग’ पाया गया है। अगले दिन यानी मंगलवार को यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। शीर्ष अदालत ने वाराणसी प्रशासन को उस क्षेत्र की सुरक्षा और सील करने का निर्देश दिया, जहां एक शिवलिंग पाए जाने का दावा किया जा रहा है।

–आईएएनएस

About Author