नई दिल्ली| मेटा ने बुधवार को एक करोड़ से अधिक छात्रों और दस लाख शिक्षकों के लिए डिजिटल सुरक्षा पर एक पाठ्यक्रम प्रदान करने के लिए सीबीएसई के साथ अपनी साझेदारी का विस्तार करने की घोषणा की है। मेटा (पूर्व में फेसबुक) के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी मार्क जुकरबर्ग ने बुधवार को यह जानकारी दी।
इसके अलावा, शिक्षा को सार्वभौमिक बनाने के सरकार के ²ष्टिकोण के साथ, मेटा और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) इस समझौते के जरिए छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शैक्षिक सामग्री तक ऑनलाइन पहुंच की अनुमति देकर माध्यमिक शिक्षा पाठ्यक्रम को पेश करेंगे। यह सीबीएसई की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध होगा।
मेटा के ‘फ्यूल फॉर इंडिया, 2021’ वर्चुअल इवेंट में जुकरबर्ग ने कहा, “मैं इस साझेदारी को लेकर वास्तव में उत्साहित हूं। मुझे लगता है कि यह इस उद्यमशीलता की भावना और इन उपकरणों में से कुछ को मेटावर्स के आसपास लाने और भारत में शिक्षा प्रणाली के लिए प्रशिक्षण देने का यह एक बड़ा अवसर है।”
अगले तीन वर्षों में, साझेदारी का उद्देश्य शिक्षकों को नए युग के टूल और कौशल के साथ सशक्त बनाना है, जो जनरेशन जेड और जेनरेशन अल्फा छात्रों को जिम्मेदार डिजिटल नागरिकों के रूप में विकसित करने के लिए आवश्यक हैं।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अनुरूप, मेटा और सीबीएसई एआर और वर्चुअल रियलिटी (वीआर) जैसी इमर्सिव तकनीकों को एकीकृत करने वाले पाठ्यक्रम के विकास पर सहयोग करेंगे, जो एक डिजिटल परि²श्य में विकसित होने के लिए प्रासंगिक है।
सीबीएसई के निदेशक (कौशल शिक्षा और प्रशिक्षण) बिस्वजीत साहा ने कहा, “यह साझेदारी हमारे शिक्षकों को छात्र जुड़ाव के लिए ऑनलाइन टूल का प्रभावी ढंग से उपयोग करने के लिए आवश्यक कौशल से लैस करने में मदद करेगी।”
साहा ने कहा, “यह समझते हुए कि ‘डिजिटल इंडिया’ का युग शुरू हो गया है, हम सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण शैक्षिक सामग्री प्रदान करने के साथ-साथ पाठ्यक्रम में डिजिटल नागरिकता और संवर्धित वास्तविकता की शुरुआत के साथ जिम्मेदार डिजिटल नागरिकों का निर्माण करना चाहते हैं।”
जून 2020 में ‘एफबी फॉर एजुकेशन’ पहल का पहला चरण लॉन्च हुआ था। यह स्टूडेंट्स और टीचर्स को भविष्य के कार्यों के लिए तैयार करने और एक सुरक्षित ऑनलाइन वातावरण और सीखने का अनुभव निर्मित करने के लक्ष्य से शुरू किया गया है। इससे 500,000 से अधिक छात्रों ने डिजिटल सुरक्षा जैसे विषयों में रुचि दिखाई और 14,000 से अधिक शिक्षकों ने एआर में प्रशिक्षण के लिए आवेदन किया।
–आईएएनएस
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