नई दिल्ली, 10 अप्रैल (आईएएनएस)| लॉकडाउन के दौरान दिल्ली पुलिस नियंत्रण कक्ष को 38 ऐसे सूचनाएं मिलीं जिनमें गर्भवती महिलाओं को तुरंत वाहन की जरुरत थी। लॉकडाउन के चलते मगर निजी वाहन सड़क पर निकल नहीं सकता था। लिहाजा दिल्ली पुलिस कंट्रोल रुम की जिप्सियों से इन सभी महिलाओं को अलग अलग अस्तपतालों में दाखिल कराया गया। शुक्रवार को आईएएनएस को यह जानकारी दिल्ली पुलिस नियंत्रण कक्ष के डीसीपी शरत कुमार सिंहा ने दी। डीसीपी के मुताबिक, यह 38 गर्भवती महिलाओं को अस्पताल में पीसीआर वाहनों से अस्पतालों में दाखिल कराने की अवधि महज एक दिन यानि 24 घंटे की है। इससे पहले भी लॉकडाउन के दौरान अब तक पुलिस नियंत्रण कक्ष के वाहन करीब 100 से ज्यादा ऐसे मामलों में मदद कर चुके हैं।
डीसीपी पुलिस कंट्रोल रुम शरत कुमार सिंहा ने आईएएनएस से आगे कहा, इन 38 मामलों में 8 दक्षिणी, 6 बाहरी-उत्तर, 4 पूर्वी, 4 बाहरी, 4 पश्चिमी, 4 उत्तर-पश्चिमी, 3 दक्षिण-पूर्वी, शाहदरा और उत्तरी जिले से 2-2 जबकि द्वारका जिले से 1 परिवार ने हमसे मदद मांगी थी। इन सूचनाओं में से 5 ऐसी महिलाओं की मदद की गयी, जिन्हें रात 11 बजे से सुबह 5 बजे के बीच दिल्ली पुलिस कंट्रोल रुम के वाहन की मदद की जरुरत महसूस हुई थी। इनमें कई सूचनाओं के बाद गर्भवती महिला को उसके घर से 15 किलोमीटर दूर मौजूद अस्पताल में भी ले जाकर दाखिल कराया गया।
— आईएएनएस
और भी हैं
दिल्ली सरकार ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत सफल सैन्य कार्रवाई पर सशस्त्र बलों की सराहना की
गाजियाबाद : हवाई हमले का मॉक ड्रिल आयोजित कर बच्चों को दी गई जागरूकता की अहम जानकारी
“स्वच्छ दिल्ली, दिल्ली के हर नागरिक का अधिकार है”: रेखा गुप्ता, मुख्यमंत्री, दिल्ली