नई दिल्ली: दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान के पार कर जाने के कारण यमुना से सटे कई इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा, जिसके बाद अधिकारियों ने शनिवार को सैकड़ों लोगों को बाहर निकालने का काम शुरू कर दिया।
अधिकारियों ने इस बात की जानकारी दी। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में जारी भारी बारिश और दिन के दौरान हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़े जाने के कारण नदी का जलस्तर बढ़ गया है।
सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग के एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, “दिल्ली में युमना सुबह 10 बजे तक खतरे के निशान 205.06 मीटर से ऊपर बह रही थी।”
नोडल अधिकारी (प्रीत विहार) अरुण गुप्ता ने आईएएनएस को बताया, “इससे 10 हजार से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। नदी के किनारे और निचले इलाकों से लोगों को स्थानातंरित किया जा रहा है।”
अधिकारी ने कहा कि रात तक यमुना का जलस्तर और बढ़ने की संभावना है।
चंडीगढ़ के एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, “शनिवार सुबह बैराज से दो लाख क्यूसेक पानी यमुना में छोड़ा गया। बैराज दिल्ली में पीने का पानी मुहैया कराता है।”
अधिकारी ने कहा कि यमुना से सटे गांवों के निवासियों को अधिक पानी छोड़े जाने को लेकर सतर्क रहने को कहा गया है।
यमुना दिल्ली में प्रवेश करने से पहले हरियाणा के यमुनानगर, करनाल और पानीपत जिले से होकर गुजरती है।
यमुनानगर के उपायुक्त गिरिश अरोड़ा ने कहा कि सुबह जिले में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया था।
उन्होंने कहा कि सेना को राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की टीम के साथ अलर्ट पर रखा गया है।
यमुनानगर जिले में हालांकि किसी प्रकार की संपत्ति और जान माल की हानि की सूचना नहीं है।
मौसम विभाग ने पूर्वानुमान लगाया है कि हरियाणा के पड़ोसी पहाड़ी राज्यों में भारी बारिश जारी रहेगी।
–आईएएनएस
और भी हैं
दिल्ली में कम नहीं हो रहा वायु प्रदूषण, 347 दर्ज किया गया औसत एक्यूआई
उपराज्यपाल ने राज निवास में पुनर्गठित एनडीएमसी के नए अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्यों को शपथ दिलाई
अकेला लड़ सकता हूं, लेकिन दिल्ली को बचाने के लिए आपकी मदद चाहिए : केजरीवाल