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विदेश में वैक्सीन बेचकर क्या कमाया, देश में क्या गंवाया?

नई दिल्ली। कोरोना से युद्ध की बागडोर संभालने वाले प्रधानमंत्री बताएं लाखों लोग बिन वैक्सीन क्यों मर गए। क्या सरकार की गलत नीतियों के कारण मौतें नहीं हो रही हैं?
आल इंडिया माइनोरिटीज फ्रंट के अध्यक्ष डॉ सैयद मोहम्मद आसिफ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ये सवाल कर्तेन्हे कहा कि जब देश में कोरोना वैक्सीन बन गयी और उसका उत्पादन होने लगा तब आपने वैक्सीन देश के नागरिकों को लगवाने के बदले विदेशी बाजारों में बेच दिया। देश कोरोना ग्रस्त होता गया और आप व्यापारियों की तरह देशी वैक्सीन विदेश भिजवाते रहे। डॉ आसिफ ने सवाल किया कि क्या मोदी जी बताएंगे सरकार को इससे कितना आर्थिक लाभ हुआ और देश में इसके चलते कितनी बहुमूल्य जनों का नुकसान हुआ?

देश के वैज्ञानिकों ने वैक्सीन बना लिया। आप और हम सब मानते हैं कि कोरोना से लड़ने के लिए कोरोना की वैक्सीन सर्वश्रेष्ठ विकल्प है। लेकिन आज इस विकल्प का पूरे देश मे अभाव है। वैक्सीन टीका केंद्र एक के बाद एक बंद होते जा रहे है। वैक्सीन के उत्पादन पर भी आपने सीमा बांध रखी है। राज्य वैक्सीन फार्मूला मांग कर वैक्सीन की मांग के मुताबिक उसका उत्पादन करने की गुहार लगा रहे हैं। इस विपदा की स्तिथि में भी सरकार फार्मूले को लेकर व्यावसायिक तौर तरीकों पर अड़ी हुई है।

डॉ आसिफ ने कहा कि हमें याद है मोदीजी आपने कोरोना से लड़ने के लिए एक समय बाद तत्परता दिखाई और सिविड वैक्सीन उत्पादन फर्मो का पिछले वर्ष दौर भी किया। दावा भी किया कि करीना को समूल नष्ट कर दिया जाएगा लेकिन ढाक के वही तीन पात आज हम वैक्सीन के लिए अन्य देशों पर निर्भर हो गए। देश के लोग मानने लगे हैं कि आपकी सरकार की गलत नीतियों के कारण देश में लाखों लोगों जान चली गयी। आपकी सरकार की नीतियों के चलते हज़ारों लोगों तक ऑक्सीज़न समय पर नही पहुंच पाया। लापरवाही की सीमा इसकदर पर हो गयीं की नैट्रोजेन के खाली सिलेण्डर में ऑक्सीज़न भर कर भेजी गयीं जिसने कोरोना के साथ ब्लैक फंगस की महामारी को भी आमंत्रित कर डाला। देश की हालत इस कदर बेकाबू है कि बच्चों ने भी अब कोरोना महामारी फैल रही है।

फ्रंट के अध्यक्ष डॉ आसिफ ने कहा कि हालात यह है कि मोदी सरकार की गलत नीतियों के कारण सभी देशवासियों का टीकाकरण नही हो पा रहा है पीएम मोदी ने पिछले साल नवम्बर में वैक्सीन की प्रगति देखने के लिए दवा कंपनियों का दौरा किया था। 28 नवंबर को उन्होंने पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट, अहमदाबाद के जायडस बायोटेक पार्क और हैदराबाद में भारत बायोटेक फैसिलिटी का दौरा तैयारियों का जायजा लिया था। उस समय वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जेनोवा बायोफार्मा, बायोलॉजिकल ई और डॉ. रेड्डीज की टीमों से चर्चा की। पीएम ने इन्हें सलाह दी थी कि आम लोगों को वैक्सीन के असर जैसी बातों के बारे में आसान शब्दों में समझाने के लिए एक्स्ट्रा एफर्ट करें।

इस खबर से देश परिचित है कि देश के वैज्ञानिकों ने वैक्सीन बना लिया है कोरोना से लड़ने के लिए कोरोना की वैक्सीन सर्वश्रेष्ठ विकल्प है। इस सरकार ने देशवासियों को कम विदेशों को अधिक वैक्सीन बेचा है

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