गिरफ्तार न करने के पचास हजार-
सुलतान पुरी निवासी धीरज कुमार ने 17 जनवरी को सीबीआई मे शिकायत दर्ज कराई, जिसमें बताया कि उसकी भांजी ने उसके छोटे भाई सुमित और भतीजे सुशील के खिलाफ छेड़छाड़ के आरोप में एफआईआर दर्ज कराई है। इस मामले का जांच अधिकारी एएसआई कुलदीप सिंह है। कुलदीप सिंह ने उसके भाई और भतीजे को गिरफ्तार नहीं करने की एवज में पचास हजार रुपए रिश्वत मांगी है। उसके अनुरोध करने पर एएसआई कुलदीप चालीस हजार रुपए दो किश्तों में लेने को तैयार हो गया है।
सीबीआई ने स्वतंत्र गवाह की मौजूदगी में शिकायत में लगाए आरोपों का सत्यापन किया।एएसआई और शिकायतकर्ता की बातचीत की रिकार्डिंग की गई। इसके बाद रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ने के लिए जाल बिछाया गया।
बीस हजार लेते गिरफ्तार-
एएसआई कुलदीप ने रिश्वत की रकम चाय विक्रेता भगत लाल को देने के लिए कहा। सीबीआई ने 18 जनवरी को शिकायतकर्ता से बीस हजार रुपए रिश्वत लेते हुए चायवाले भगत लाल को गिरफ्तार किया। एएसआई कुलदीप सिंह को भी गिरफ्तार कर लिया गया।
सीबीआई ने इन दोनों के परिसरों की तलाशी ली। दोनों अभियुक्तों को अदालत में पेश किया गया।
चालाकी काम न आई-
शिकायतकर्ता सीबीआई के स्वतंत्र गवाह को लेकर एएसआई कुलदीप से थाने के बाहर मिला था। एएसआई ने शिकायकर्ता के साथी (स्वतंत्र गवाह) को अपने से दूर खड़ा कर दिया। एएसआई के कहने पर शिकायतकर्ता ने अपना मोबाइल फोन भी साथी को सौंप दिया। एएसआई ने यह सब सावधानी इसलिए बरती, ताकि उनकी बातचीत स्वतंत्र गवाह न सुन पाए और शिकायतकर्ता अपने मोबाइल से उसकी बातचीत रिकार्ड न कर सके। लेकिन एएसआई की यह सारी चालाकी धरी की धरी रह गई।
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