बिलासपुर: सरकार एक ओर ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ का नारा बुलंद कर रही है, तो वहीं छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले की एक एनआरआई नोनी अमेरिका में फंसी मदद की गुहार लगा रही है। उसके दहेजलोभी पति ने उस पर तलाक लेने और अपने ही बच्चे को लेकर भागने का सनसनीखेज आरोप लगाकर कानून के ऐसे पेच में फंसा दिया कि उसके भारत आने की राहें मुश्किल बन गईं।
गुरुवार को ये जानकारी सामाजिक कार्यकर्ता प्रकाशपुंज पांडेय ने दी। उन्होंने कहा कि इस बेटी ने भारतीय दूतावास और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के ट्विटर पर भी उनसे मदद की गुहार लगाई है। तो वहीं पंडरिया विधायक मोतीराम चंद्रवंशी जो संसदीय सचिव भी हैं, उन्होंने कहा, “यदि युवती के परिजन संपर्क करते हैं तो उनको हर संभव सहायता दी जाएगी। हम अपनी ओर से पूरी कोशिश करेंगे।”
बिलासपुर के निवासी वी.एन. राव की पुत्री वी. मेहर निधि (28)का विवाह 2012 में विशाखापट्टनम के निवासी डी. रवि शंकर (36) के साथ हुआ था। विवाह के 1 माह के दौरान ही दोनों के बीच तनाव की शुरुआत हो चुकी थी। धीरे-धीरे, रवि शंकर अपनी पत्नी मेहर निधि का शारीरिक और मानसिक रूप से शोषण करने लगा । इसी बीच वह गर्भवती हो चुकी थी।
लड़की के पिता से लड़के व उसके माता-पिता द्वारा समय समय पर पैसों की मांग भी की जाती रही थी। दो साल तक रविशंकर के साथ तालमेल बनाने की नाकाम कोशिश के बाद निधि ने आगे की पढ़ाई कर आत्मनिर्भर बनाने का फैसला लिया और वापस आकर भारत में जीआरई की कोचिंग कर पास होने के बाद अमेरिका में ही एमएस करने के लिए कॉलेज में एडमिशन लिया जिसके लिए उसे स्टूडेंट वीजा मिल गया।
अमेरिका जाने के बाद उसे उसके पति के अनैतिक संबंधों का पता चला। विरोध करने पर रविशंकर ने अपनी पत्नी मेहर निधि को डराने धमकाने के लिए अपने ही पुत्र को बाथ टब में डुबोकर उसे मारने का प्रयास किया। इसके बाद निधि वहां से जान बचाकर भाग गई। फिर निधि ने अपने बच्चे को भारत में अपने माता पिता के पास रखा और स्वयं जैसे-तैसे पढ़ाई पूरी कर ली। बाद में उसे अमेरिका में ही स्वास्थ्य विभाग में नौकरी के लिए प्रस्ताव आया।
यह खबर उसके पति रविशंकर को हजम नहीं हुई तो उसने अपनी पत्नी निधि के खिलाफ अपने ही बच्चे को लेकर भागने और डाइवोर्स का झूठा आरोप लगाकर कानूनी प्रक्रिया में फंसा दिया, जिसके बाद कोर्ट द्वारा उसका और उसके बच्चे का पासपोर्ट जब्त कर लिया गया।
इस पर कोर्ट ने बच्चे को एक एक हफ्ता मां और पिता के पास रखने का आदेश दिया। बच्चे और उसकी मां की शारीरिक और मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। निधि ने वहां इंडियन एम्बेसी और स्थानीय पुलिस से मदद की गुहार लगाई है, पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
निधि के माता-पिता और भाई ने प्रधानमंत्री कार्यालय और विदेश मंत्रालय में भी गुहार लगाई है। साथ ही ट्विटर पर भी सुषमा स्वराज से आग्रह किया है, लेकिन अब तक उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई है।
–आईएएनएस
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