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कमिश्नर,आईपीएस खाकी को खाक में मत मिलाओ , लायक बनो

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इंद्र वशिष्ठ
दो गज दूरी, मास्क है जरुरी। इस मंत्र का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लगातार जाप कर रहे हैं। लेकिन उनकी नाक के नीचे ही इस नियम का उल्लंघन पुलिस कमिश्नर और आईपीएस अफसर ही नहीं और उनकी पत्नियां तक कर रही हैं।
मास्क और दो गज दूरी का पालन न करने पर दिल्ली पुलिस द्वारा जमकर लोगों के चालान किए जा रहे हैं। पुलिस द्वारा रोजाना चालान के आंकड़ों से यह दिखाया जा रहा है कि पुलिस कितनी मुस्तैदी से काम कर रही है। लेकिन पुलिस की यह मुस्तैदी सिर्फ़ आम जनता पर ही दिखाई जा रही हैं।
 पुलिस कमिश्नर सच्चिदानंद श्रीवास्तव और आईपीएस अफसर ही नहीं उनकी पत्नियां तक इन नियमों की धज्जियां उड़ा रहीं हैं।
कमिश्नर,आईपीएस नहीं मानते नियम कायदे-
पुलिस बल के मुखिया ,आईपीएस अफसरों और उनकी पत्नियों द्वारा ही नियमों का पालन और सम्मान नहीं करने से मातहत पुलिसकर्मियों में ही नहीं समाज में भी ग़लत संदेश जाता है।
पुलिस कमिश्नर, आईपीएस अफसर और उनकी पत्नी क्या नियम कायदे से ऊपर है ?
क्या नियम कायदे सिर्फ आम लोगों के लिए ही हैं ?
कानून के रखवाले पुलिस कमिश्नर और आईपीएस अफसरों द्वारा ही नियमों का उल्लंघन गंभीर और शर्मनाक है। कमिश्नर और आईपीएस की पेशेवर काबिलियत पर भी सवालिया निशान लग गया है।
सैंया भए कोतवाल तो डर काहे का-
आठ सितंबर को उत्तर पूर्वी जिले में पुलिस परिवार कल्याण सोसायटी द्वारा एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में सोसायटी की अध्यक्ष पुलिस कमिश्नर की पत्नी
प्रतिमा श्रीवास्तव, पूर्वी रेंज के संयुक्त पुलिस आयुक्त आलोक कुमार उनकी पत्नी निशी सिंह,उत्तर पूर्वी जिले के डीसीपी वेद प्रकाश सूर्य उनकी पत्नी पूर्वा ,सीआरपीएफ के अफसरों की पत्नियों के अलावा डीसीपी (वेलफेयर) आदि अफसर मौजूद थे।
इस कार्यक्रम की फोटो में साफ पता चलता है कि कमिश्नर की पत्नी समेत मंच पर मौजूद  पुलिस अफसरों और अफसरों की पत्नियों ने दो गज दूरी के नियम क उल्लंघन किया है। हालांकि कमिश्नर की पत्नी ने मास्क के अलावा दस्ताने भी पहने हुए हैं। एक अन्य फोटो में तो दो गज दूरी का उल्लंघन करने के साथ ही संयुक्त पुलिस आयुक्त आलोक कुमार की पत्नी निशी और डीसीपी वेदप्रकाश की पत्नी पूर्वा ने तो मास्क भी नहीं पहना है। पूर्वा की तो बिना मास्क के अनेक फोटो हैं।
नियम तोडऩे के आदी-
इसके पहले 9 जुलाई को नरेला पुलिस कालोनी में आयोजित सोसायटी के कार्यक्रम में पुलिस कमिश्नर सच्चिदानंद श्रीवास्तव की पत्नी प्रतिमा श्रीवास्तव द्वारा मास्क पहनने और दो गज दूरी के नियमों का पालन नहीं किया गया।
इस अवसर की फोटो में प्रतिमा श्रीवास्तव के साथ विशेष पुलिस आयुक्त वीरेंद्र चहल की पत्नी ज्योति चहल और दो अन्य महिलाएं भी मौजूद हैं। इनमें से सिर्फ एक महिला ने ही मास्क सही तरह से लगाया हुआ है।
न मास्क न दो गज दूरी-
कमिश्नर की पत्नी प्रतिमा श्रीवास्तव और अन्य महिलाओं ने मास्क मुंह पर लटकाया हुआ है।
इन सभी महिलाओं ने दो गज दूरी के नियम का भी पालन नहीं किया है।
पुलिस कमिश्नर ने फिर से नियम तोड़ा-
कमिश्नर की मुख्यालय में कानून व्यवस्था की समीक्षा के लिए वरिष्ठ अफसरों के साथ एक बैठक में स्पेशल कमिश्नर कानून एवं व्यवस्था रणवीर सिंह कृष्णियां, सतीश गोलछा आदि मौजूद थे।
पुलिस कमिश्नर ने मास्क मुंह,नाक पर लगाने की बजाए लटकाया हुआ था। स्पेशल कमिश्नर सतीश गोलछा ने तो मास्क लगाया ही नहीं था। स्पेशल कमिश्नर रणवीर कृष्णियां ने मास्क लगाया हुआ था।  स्पेशल कमिश्नर राजेश खुराना  मास्क और दस्ताने भी पहने हुए थे। दिल्ली पुलिस के सलाहकार पूर्व डीसीपी राजन भगत ने भी मास्क नहीं लगाया था।
स्पेशल कमिश्नर समेत अफसरों ने नियमों की धज्जियां उड़ाई।
 
पार्क मेंं भी मास्क, दो गज दूरी के नियम का पालन न करने पर आम आदमी का चालान कर जुर्माना वसूला जाता है।
दूसरी ओर वरिष्ठ अफसरों द्वारा जमकर नियमों की धज्जियां उड़ाई जाती हैं।
पुलिस लाइन मैदान पर 24अक्टूबर को आयोजित क्रिकेट मैच के पुरस्कार वितरण समारोह मेंं स्पेशल कमिश्नर रोबिन हिबू , संयुक्त पुलिस आयुक्त विमल आनंद गुप्ता, एडिशनल सीपी अजीत सिंगला, डीसीपी एस के सिन्हा ,डीसीपी राकेश बंसल आदि ने भी नियमोंं का पालन नहीं किया।
संयुक्त पुलिस आयुक्त भी नियम तोडने मेंं शामिल –
दक्षिण पूूर्वी जिला द्वारा 20अक्टूबर को आयोजित कार्यक्रम मेंं

संयुक्त पुलिस आयुक्त देेेवेेेश चंद्र श्रीवास्तव, एडशिनल डीसीपी कुुुमार ज्ञानेश, एडशिनल डीसीपी डाल सिंंह ने दो गज दूरी का पालन नहीं किया।

 

डीसीपी ने नियमों का उल्लंघन किया –
उत्तर जिले के डीसीपी एंटो अल्फोंस ने भी नियम का पालन नहीं किया। पुलिस अफसरों के मैस मेंं 24 अक्टूबर को आयोजित कार्यक्रम में डीसीपी ने मास्क उतार कर युवाओं को संबोधित किया।
साइकिल पर डीसीपी-
21अक्टूबर को आउटर-नॉर्थ जिले के डीसीपी गौरव शर्मा साइकिल पर इलाके का दौरा करते समय लोगों के बीच मास्क/ रुमाल उतार कर बातचीत करने लगे।
पुलिस प्रवक्ता डीसीपी ने भी तोडा नियम-
डाक्टर से आईपीएस बने और दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता का पद भी संभालने वाले नई दिल्ली जिले के डीसीपी ईश सिंघल बिना मास्क पहने ही लोगों से मिले। आईपीएस जो कि डाक्टर भी है उसके द्वारा महामारी के दौर में ऐसा करना उनकी काबिलियत पर सवालिया निशान लगाता है।
न मास्क, न दो गज दूरी  –
उत्तर पश्चिम जिले की डीसीपी विजयंता गोयल आर्य और एसीपी के जी त्यागी द्वारा भी नियमों का उल्लंघन किया गया। इन दोनों ने पुलिस टीम के साथ फोटो खिंचवाने के दौरान मास्क और दो गज दूरी का पालन नहीं किया।
कमिश्नर,आईपीएस से जुर्माना कौन वसूलेगा-
पुलिस कमिश्नर आईपीएस और उनकी पत्नियों  द्वारा नियमों के उल्लंघन के मामले लगातार  सामने आ रहे हैं।
पहली बार नियम का उल्लंघन करने पर 500 रुपए का जुर्माना किया जाता है। दूसरी बार नियम का पालन न करने पर एक हजार रुपए जुर्माना लगाया जाता है। एफआईआर भी दर्ज की जा सकती है।
पुलिस की मनमानी-
लेकिन यह सब आम आदमी पर ही लागू किया जा रहा है।
कार में अकेले जा रहे लोगों के पुलिस ने जमकर चालान किए। कुछ दिन पहले ही यह खुलासा हुआ कि मंत्रालय ने इस तरह के चालान करने का कोई आदेश नहीं दिया था।
स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति कार में अकेला है और उसके चेहरे पर मास्क नहीं है तो ऐसे व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई करने का कोई निर्देश मंत्रालय ने नहीं दिया है।
दूसरी ओर पुलिस द्वारा इंडिया गेट पर परिवार के साथ बैठ कर खा पी रहे लोगों के चालान करने की तस्वीरे तक मीडिया को जारी की जाती हैं।
कितनी अजीब बात है कि खुद नियमों की धज्जियां उडाने वाले अफसर ही लोगों को नियम पालन करने का उपदेश देते हैं। ऐसे अफसर किस मुंह से अपने मातहतों को आम जनता के चालान करने को कह देते हैं।
नियमों का उल्लंघन करने वाली पुलिस को आम जनता के चालान करने का नैतिक रुप से कोई हक नहीं होना चाहिए।
गृहमंत्री दम दिखाओ –
गृहमंत्री और उप-राज्यपाल में दम है तो नियम कायदों का पालन न करने वाले कमिश्नर और अन्य आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की हिम्मत दिखाएं।
मंत्री और कमिश्नर का अनाड़ीपन-

इसके पहले 30 जून को पुलिस मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी, पुलिस कमिश्नर सच्चिदानंद श्रीवास्तव और सांसद प्रवेश वर्मा द्वारा दो गज दूरी का पालन नहीं करने का मामला भी इस पत्रकार द्वारा उजागर किया गया था।

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नियम तोड़ना और ढिंढोरा पीटना-
अफसरों के अनाड़ीपन/ दुस्साहस का अंदाजा लगाया जा सकता है कि नियमों के उल्लंघन पर शर्मिंदा होने की बजाए वह खुद प्रचार के मोह में ऐसी फोटो भी सार्वजनिक कर देते हैं जिसमें नियमों का उल्लघंन साफ़ दिखाई देता है। इससे इन अफसरों की काबिलियत पर भी सवालिया निशान लग जाता है।
डीसीपी ने एएसआई को निलंबित किया-
कमिश्नर और आईपीएस खुद तो नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। लेकिन अफसर मातहतों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई तक करते हैं।
डीसीपी सत्यवीर कटारा ने मास्क न लगाने पर एएसआई सुरेंद्र को निलंबित ही कर दिया था।
मोदी जी खुद भी कार्रवाई करके दिखाओ-
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने भाषण में कहा कि एक देश के प्रधानमंत्री के खिलाफ मास्क न पहनने पर जुर्माना लगाया गया है।
प्रधानमंत्री दूसरे देशों द्वारा नियमों का पालन बिना भेदभाव के सख्ती से किए जाने का उदाहरण तो देते हैं। लेकिन नियमों का उल्लघंन करने वाले उपरोक्त लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की खुद हिम्मत नहीं दिखाते हैं।
कानून का पाठ पढ़ाओ-
प्रधानमंत्री जी मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न करने वाले सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अरविंद बोबडे, रामदेव, बालकृष्ण, डाक्टर बलबीर सिंह तोमर आदि डाक्टरों और अपने मातहतों गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी, सांसद प्रवेश साहिब सिंह वर्मा के खिलाफ कार्रवाई करके दिखाओ।
इसके साथ ही पुलिस कमिश्नर सच्चिदानंद श्रीवास्तव के खिलाफ कार्रवाई करके दिखाओ। क्योंकि नियम लागू कराने वाला  ख़ुद ही नियमों की धज्जियां उड़ाए तो समाज में ग़लत संदेश जाता है। पुलिस कमिश्नर का नियम तोड़ना ज्यादा गंभीर मामला है।
भारत में है किसी में इतना दम  ?
 उल्लेखनीय है कि बिना मास्क के सार्वजनिक स्थान पर जाने के कारण बुल्गेरिया के प्रधानमंत्री बॉयको बोरिसोव, उनके काफिले के अफसरों और पत्रकारों पर 170 डॉलर यानी 13 हजार रुपए जुर्माना लगाया गया।
रोमानिया के प्रधानमंत्री पर भी मास्क न पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न करने पर 600 डॉलर यानी 45 हजार रुपए जुर्माना लगाया गया।
दरबारी अफसर-
भारत में सिर्फ बातें बड़ी बड़ी करने का रिवाज हैं। इस तरह की कार्रवाई करने का दम अफसरों में नहीं है। इसकी मुख्य वजह यह है कि ज्यादातर अफसर महत्वपूर्ण पदों पर तैनाती के लिए राजनेताओं के दरबारी बन जाते हैं।
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