नई दिल्ली: विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने मंगलवार को संसद में इराक के मोसुल में 2014 में इस्लामिक स्टेट (आईएस) द्वारा अगवा किए गए 39 भारतीयों की मौत की पुष्टि की। विदेश मंत्री ने राज्यसभा में कहा कि रडार के इस्तेमाल से भारतीयों के शवों का पता लगाया गया। शवों को कब्रों से निकाला गया और डीएनए के जरिए पहचान की पुष्टि हो सकी।
उन्होंने कहा, “शवों को डीएनए जांच के लिए बगदाद भेजा गया था। 38 भारतीयों के डीएनए का मिलान हो गया है।”
ये सभी मजदूरी का काम करते थे और अधिकांश पंजाब से थे। इन्हें मोसुल में इराक की कंपनी ने नियुक्त किया था।
साल 2014 में जब आईएस ने इराक के दूसरे सबसे बड़े शहर मोसुल को अपने कब्जे में लिया था तब इन भारतीयों को बंधक बना लिया था।
इराकी सुरक्षाबलों द्वारा आईएस के चंगुल से मोसुल को आजाद कराए जाने के बाद विदेश राज्यमंत्री वी.के. सिंह ने इराक का दौरा किया था।
–आईएएनएस
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