✅ Janmat Samachar.com© provides latest news from India and the world. Get latest headlines from Viral,Entertainment, Khaas khabar, Fact Check, Entertainment.

मोदी ने मॉरीशस सुप्रीम कोर्ट का उद्घाटन किया

सावन खत्म होने के बाद हो सकता है मोदी सरकार के मंत्रिपरिषद का विस्तार

Advertisement

नवनीत मिश्र 

नई दिल्ली: मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला मंत्रिपरिषद विस्तार सावन खत्म होने के बाद हो सकता है। छह जुलाई से शुरू हुआ सावन का महीना, तीन अगस्त को खत्म होगा।

पार्टी सूत्रों का कहना है कि ऐसे में अगस्त के दूसरे सप्ताह में मंत्रिपरिषद विस्तार करने की तैयारी है। दरअसल, सावन मास में शुभ कार्य करने से लोग बचते हैं। भाजपा में मुहूर्त आदि का खास ख्याल रखा जाता है। ऐसे में पार्टी सूत्रों का कहना है कि सावन मास खत्म होने के बाद लंबित चल रहा मंत्रिपरिषद विस्तार किया जा सकता है। इससे पहले भाजपा की राष्ट्रीय टीम घोषित होगी। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने बीते दिनों अनौपचारिक बातचीत में यह संकेत दिए थे कि पहले राष्ट्रीय टीम घोषित होगी, उसके बाद कैबिनेट फेरबदल होगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 मई 2019 को 57 मंत्रियों के साथ शपथ ली थी। नियमों के मुताबिक लोकसभा की कुल सदस्य संख्या का 15 प्रतिशत यानी अधिकतम 81 मंत्री बनाए जा सकते हैं। पिछली सरकार में मोदी सरकार में 70 मंत्री थे। ऐसे में माना जा रहा है कि इस बार भी पिछली बार के आंकड़े पर प्रधानमंत्री मोदी ने अमल किया तो कम से कम 13 नए मंत्रियों को सरकार में जगह मिल सकती है। हरियाणा से मोदी सरकार में शामिल केंद्रीय सामाजिक अधिकारिता एवं न्याय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर को पद मुक्त कर प्रदेश भाजपा की कमान देने की तैयारी चल रही है।

Advertisement

पार्टी सूत्रों का कहना है कि आरएसएस के सह सर कार्यवाह डॉ. कृष्णगोपाल, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और पार्टी के संगठन महामंत्री बीएल संतोष की जून में प्रधानमंत्री मोदी के साथ इस मसले पर बैठक हो चुकी है। डॉ. कृष्णगोपाल ही आरएसएस और भाजपा के बीच कोआर्डिनेशन देखते हैं।

भाजपा के एक नेता ने आईएएनएस से कहा, “राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की टीम की लिस्ट तैयार है, इसका साफ मतलब है कि कौन संगठन से सरकार में और सरकार से संगठन में आएगा, किस राज्य से संगठन और सरकार में कितने लोग आएंगे, इसका खाका तय हो चुका है।”

सूत्रों का कहना है कि संगठन से राष्ट्रीय महासचिव भूपेंद्र यादव, डॉ. अनिल जैन, अनिल बलूनी का नाम मंत्री बनने के संभावितों में है। सरकार में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के मकसद से राष्ट्रीय महासचिव सरोज पांडेय को भी राज्य मंत्री की जिम्मेदारी मिल सकती है। राजस्थान से जुड़े एक मंत्री को ड्राप किया जा सकता है। आठ कैबिनेट मंत्रियों के पास से दो से तीन मंत्रालय हैं। कुछ स्वतंभ प्रभार वाले मंत्रियों के पास भी एक से अधिक मंत्रालय हैं। ऐसे में इन मंत्रियों का भार कम किया जा सकता है।

Advertisement

मध्य प्रदेश से राज्यसभा सदस्य बने ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम भी मोदी सरकार के संभावित मंत्रियों में चल रहा है। सूत्रों का कहना है कि एस जयशंकर की तर्ज पर कुछ विशेषज्ञों को भी मंत्रिपरिषद में शामिल किया जा सकता है। नवंबर में संभावित बिहार चुनाव के कारण जदयू को भी सरकार में हिस्सेदारी दी जा सकती है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि मोदी सरकार में मिडिल आर्डर में परिवर्तन होने की ज्यादा संभावना है। अगर कैबिनेट में फेरबदल हुआ तो एक मंत्री को हटाया जा सकता है।

सूत्रों का कहना है कि मंत्रिपरिषद विस्तार की कवायदें पिछले साल दिसंबर में ही प्रधानमंत्री मोदी ने शुरू कर दीं थी, जब 21 दिसंबर को उन्होंने मंत्रिपरिषद की मैराथन समीक्षा बैठक की थी, उसके बाद ही मंत्रियों की परफार्मेंस रिपोर्ट तैयार हुई थी। लेकिन बाद में भाजपा के संगठनात्मक चुनाव और फिर कोरोना की चुनौती के कारण मामला लटक गया। मगर, अब मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल को पूरा किए एक साल से ज्यादा हो चुके हैं। ऐसे में मंत्रिपरिषद विस्तार अब होना तय है। 2014 में बनी सरकार के दौरान छह महीने के अंदर पहला मंत्रिपरिषद विस्तार हो गया था।

जून में मंत्रिपरिषद को लेकर संघ पदाधिकारियों और भाजपा नेताओं के बीच हुई बैठक से साफ है कि अगस्त से सितंबर के बीच में मोदी सरकार मंत्रिपरिषद का विस्तार करेगी। इस बात को इसलिए भी बल मिल रहा है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक मध्य प्रदेश में 24 सीटों के सितंबर में संभावित उपचुनाव से पहले उन्हें केंद्र सरकार में जिम्मेदारी मिलने की मांग उठा रहे हैं। उनका कहना है कि इससे उपचुनाव में भाजपा को फायदा होगा।

Advertisement

–आईएएनएस

 

Advertisement

Advertisement

About Author